गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है | Goldfish ka Scientific Naam kya hai

गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है | Goldfish ka Scientific Naam kya hai
गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है
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Goldfish ka Scientific Naam kya hai: आज इस पोस्ट में हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या होता है? गोल्ड फिश के साइंटिफिक नाम के साथ-साथ हम गोल्डफिश से जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट और महत्वपूर्ण जानकारी भी जानेंगे।

हर विद्यार्थी को गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम जरूर पता होना चाहिए। क्योंकि कई बार गवर्नमेंट एग्जाम्स में भी यह पूछ लिया जाता है गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? यहां तक कि कई बार टीवी पर प्रसारित होने वाले quiz show में भी यह सवाल पूछा जा चुका है कि What is Scientific name of Gold fish?

गोल्डफिश के साइंटिफिक नाम के साथ-साथ गोल्डफिश से जुड़े अन्य जरूरी सवाल भी जानने को मिलेंगे जो अक्सर एग्जाम में पूछ लिए जाते हैं।

आपको यह पता होना चाहिए कि गोल्डफिश को महाराष्ट्र में सुनहरी मछली कहा जाता है। इसलिए कई बार गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? यह ना पूछ कर यह पूछ लिया जाता है कि सुनहरी मछली का साइंटिफिक नाम क्या है?

तो चलिए जानते हैं Gold Fish ka Scientific name kya hai?

 

Table of Contents

गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? ( What is scientific name of Goldfish in Hindi)

Goldfish ka Scientific Naam Carassius auratus hai. हिंदी में गोल्ड फिश के साइंटिफिक नाम को कैरासियस ऑराटस कहा जाता है।

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यह ताजे पानी में पाई जाने वाली मछली है। यानी कि गोल्डफिश (कैरासियस ऑराटस) केवल नदी, तालाब, झील के पानी में ही पाई जाती है।

समुद्र में जहां का पानी खारा होता है वहां यह मछली नहीं पाई जाती है। मानव इतिहास में सबसे पहले गोल्डफिश (कैरासियस ऑराटस) मछली को ही पालतू बनाया गया था। इतिहास में ऐसा साक्ष्य मिलता है कि सबसे पहले गोल्डफिश को चीनी व्यक्तियों ने पालतू बनाया था।

लोग सबसे ज्यादा गोल्डफिश एक्वेरियम में रखना पसंद करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह एक Lucky charm fish होती है। जिस घर में गोल्डफिश होती है उस घर में कभी negative energy नहीं होती है।

गोल्डफिश (कैरासियस ऑराटस) अक्सर सुनहरे रंग की होती है परंतु इसके अलावा यह लाल, पीले, नारंगी, सुनहरे, भूरे रंग की भी होती है।

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साइंटिफिक नाम क्या होता है?

हमने यह तो जान लिया कि गोल्ड फिश के साइंटिफिक नाम कैरासियस ऑराटस है। परंतु साइंटिफिक नाम होता क्या है और इसकी जरूरत क्यों पड़ी?

यह तो आप जानते ही होंगे कि किसी भी जीव जंतु को हर इलाके के लोग अलग-अलग नाम से जानते हैं। जैसे ‌कुछ लोग Onion को प्याज बोलते हैं वहीं कुछ लोग इसको कांदा भी बोलते हैं। जीव के कई सारे अलग-अलग नाम होने के कारण scientist को परेशानी होने लगी। इसलिए सब ने मिलकर यह हल निकाला की सभी जीव जंतुओं को एक खास नाम दिया जाएगा जिसे साइंटिफिक ने कहा जाता है। यह साइंटिफिक नेम यूनिवर्सल होता है। दुनिया के हर देश में यह समान रहता है। गोल्ड फिश का नाम अलग अलग देशों में अलग हो सकता है। परन्तु गोल्ड फिश का Scientific नाम हमेशा कैरासियस ऑराटस ही होता है।

गोल्ड फिश की उत्पत्ति और इसका इतिहास

सबसे पहले गोल्डफिश (कैरासियस ऑराटस) की पहचान 17वीं सदी यूरोप में हुई थी। सबसे पहले चाइना की लोगों ने गोल्डफिश को खाद्य मछली के रूप में पालना शुरू किया। धीरे-धीरे गोल्डफिश अपने आकर्षक रंगों की वजह से राजा रानियों की पहली पसंद बन गई। धीरे-धीरे राजवंश के लोगों ने इस मछली को सजावट के तौर पर तालाबों में रखना शुरू किया। यहां तक कि चाइना में पीले रंग की सुनहरी मछली को पालने की अनुमति केवल राजघराने के लोगों को ही थी। इसी वजह से गोल्डफिश की पीले रंग की प्रजाति काफी कम पाई जाती है।

चाइना से गोल्डफिश का प्रसार अमेरिकी महाद्वीप तक हुआ। अमेरिकी महाद्वीप के लोग इस मछली को सजावट के रूप में एक्वेरियम और तालाब में पालने लगे। यहीं से यह मछली पूरे विश्व में सबसे ज्यादा पाली जाने वाली मछली बन गई थी। भारत में भी हजारों लोग इस मछली को खाद्य के रूप में और सजावट के रूप में aquarium में पालते हैं।

गोल्डफिश कब तक जिंदा रह सकती है?

गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है
गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है

आम तौर पर गोल्डफिश (कैरासियस ऑराटस) की उम्र 6 से 7 वर्ष तक होती है। परंतु अनुकूल वातावरण मिलने पर 30 से 40 वर्ष तक जीवित रह सकती है। यह मीठे पानी की मछली है जो अक्सर बहते हुए पानी में पाई जाती है। गोल्डफिश की कुछ प्रजातियां कम लवणीय समुद्रों में भी पाई जाती हैं।

गोल्डफिश को छोटे आकार के aquarium में रखना मुश्किल होता है क्योंकि यह बहुत ज्यादा अमोनिया excrete करती है। एक्वेरियम में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाने के कारण यह जल्दी मर जाती है।

गोल्डफिश को खाने में क्या दिया जाता है ?

गोल्ड फिश सर्वहारी ( omnivorous) मछली है। यानी कि ये मांसाहारी और शाकाहारी दोनों भोजन पर जीवित रह सकती है। एक्वेरियम में पाली जाने वाली गोल्डफिश मछलियों को नार्मल फिशफूड ही दिया जाता है।

समुद्र में यह मछलियां अन्य छोटी मछलियों, लारवा, हरी, घास, टैडपोल, अण्डे, शैवाल, phytoplankton, zooplankton खाकर जीवित रहती हैं। हर वो चीज जो गोल्डफिश के मुंह में समा सकती है वो इसका निवाला बन जाता है।

गोल्ड फिश की किस्में और प्रजातियां

हम अब तक ये जान चुके हैं कि गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है (कैरासियस ऑराटस)। अब हम गोल्डफिश की कुछ किस्में और कुछ प्रजातियों के बारे में भी जानेंगे।

  1. Common Goldfish ( सुनहरी मछली)
  2. Shubunkins Goldfish ( आकर्षक जापानी मछली)
  3. Comet Goldfish( US में पाई जाने वाली सिंगल टेल फिश)
  4. Ranchu Goldfish (जापान में इसे “King Of Gold fish कहा जाता है)
  5. Ryukin Goldfish ( सुनहरे रंग की मछली)
  6. Telescope Goldfish( बड़ी बड़ी आंखों वाली काली मछली)
  7. Bubble Eye Goldfish ( गुब्बारे जैसे बड़ी आंखों वाली मछली)
  8. Fantail Goldfish ( पंख जैसे पूछ वाली)
  9. Lionhead Goldfish ( शेर के मुंह जैसे)
  10. Butterfly Telescope Goldfish ( तितली के पंखों की तरह पूछ वाली)
  11. Veiltail Goldfish (Double tail वाली गोल्ड फिश)
  12. Egg-fish Goldfish ( अण्डे के आकार की गोल्ड फिश)
  13. Oranda Goldfish (बड़े सिर के आकार की )
  14. Pompom Goldfish ( also known as Hanafusa)
  15. Celestial Eye Goldfish ( धूम केतू के समान आंखों वाली)

Common Goldfish (Carassius auratus auratus)

यह मछली चीन और भारत में पाई जाती है। सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में पाई जाती है। इसे हिंदी में सुनहरी मछली कहा जाता है। यह लाल, नारंगी, पीले और सुनहरे रंग में पाई जाती है। गोल्डफिश कि इस प्रजाति का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सजावटी एक्वेरियम में किया जाता है।

Black Telescope गोल्डफिश (ब्लैक टेलीस्कोप)

इसे ड्रैगन आई गोल्डफिश के नाम से भी जाना जाता है। इस मछली की काले रंग की बड़ी बड़ी आंखें होती है। जिस कारण इसे टेलिस्कोप गोल्डफिश या ड्रैगन आई गोल्डफिश भी कहा जाता है। चीन में इस मछली का विशेष महत्व है।

Bubble Eye गोल्डफिश (बबल आई)

यह मछली लाल और सफेद रंग की होती है। यह मुख्य रूप से अमेरिकी द्वीप में पाई जाती है। इस मछली की काफी बड़ी-बड़ी आंखें होती हैं। इसी कारण से इस मछली को बबल आई गोल्डफिश भी कहा जाता है।

Celestial गोल्डफिश (सेलेस्टियल)

इस मछली की सबसे विशेष बात यह है कि यह तीन रंगों में पाई जाती है। लाल,नारंगी और भूरा रंग। इस गोल्ड फिश की दो पूछे होती हैं। इस मछली की बड़ी-बड़ी आंखें होती है। जिसके ऊपर दो ब्लैक स्पॉट होते हैं। इन ब्लैक स्पॉट को देखकर ऐसा लगता है कि यह मछली ऊपर की तरफ देख रही है। परंतु वास्तव में इसकी आंखें बिल्कुल सामने की तरफ होती है।

Comet गोल्डफिश (कॉमेट)

सबसे खूबसूरत किस्म की Comet Goldfish है। यह छोटे आकार की होती है जिसकी पूंछ शरीर से काफी चौड़ी होती है। यह मुख्यत एशियाई द्वीपों में पाई जाती है। इस मछली को aquarium में पालने के लिए काफी मशक्कत नहीं करनी पड़ती है। इसलिए बहुत सारे लोग इस प्रजाति को पालना पसंद करते हैं।

Fantail goldfish( फैन टेल )

Faintail गोल्डफिश को नाम इसकी घनी लंबी पंखे जैसी पूछ को देख कर दिया गया है। इसकी पूंछ किसी चिड़िया के पंख जैसी प्रतीत होती है।

Lionhead गोल्डफिश (लायनहेड)

सामने से मछली का सिर देखने में किसी लॉयन जैसा लगता है। इसलिए इसे लॉयन हेड गोल्डफिश कहा जाता है। इस मछली का मुंह बाकी के शरीर से थोड़ा बड़ा और बाहर निकला हुआ होता है। यह मछली छोटे आकार की होती है जो 10 से 12 सेंटीमीटर तक ही होती है।

गोल्ड फिश मछली को कैसे पाले?

यदि आपको मछलियां अच्छी लगती हैं तो आप गोल्डफिश (Carassius auratus) को पाल सकते हैं। यदि आप एक beginnner हैं तो आपको गोल्डफिश पालने से परहेज करना चाहिए क्योंकि यह बहुत ज्यादा अमोनिया प्रोड्यूस करती हैं। साथ ही साथ इस मछली को पालने के लिए आपको टैंक में काफी स्ट्रांग फिल्ट्रेशन सिस्टम भी लगाना होगा। और हर हफ्ते पानी भी बदलना होगा।

गोल्डफिश पालने के लिए सबसे पहले आपको एक एक्वेरियम चाहिए होगा। इस एक्वेरियम का साइज 2×2 फीट से बड़ा होना चाहिए। इससे छोटे एक्वेरियम के साइज में मछली जीवित नहीं रह सकती। एक्वेरियम के पानी का pH मान 6.5 से 8.5 मान होना चाहिए।

यह भी ध्यान रखें गोल्डफिश मांस खाने वाली मछली है जो कि बाकी अन्य मछलियों को खा जाती है। इसलिए गोल्ड फिश मछली का एक्वेरियम में इससे छोटी मछलियों को ना रखें।

गोल्डफिश को खाने में क्या दें?

गोल्डफिश को खाने में फिश फीड दी जाती है। गोल्डफिश को 1 दिन में दो बार फीड देनी चाहिए। ध्यान रहे एक मछली को दो चम्मच से ज्यादा फीड ना डालें। ज्यादा फीड डालने से एक्वेरियम गंदा हो जाता है। मछली को ज्यादा फीड ना दें नहीं तो इससे मछली सुस्त हो जाती है।

Goldfish Intresting Facts

Goldfish ka Scientific Naam  Carassius auratus hai.

  • पिछले 10 सालों में गोल्डफिश सबसे ज्यादा प्रचलित और फेमस एक्वेरियम फिश बन गई है। हर साल लगभग 480 मिलियन लोग इस मछली को खरीदते और बेचते हैं।
  • इस मछली के शरीर पर scales पाए जाते हैं। हर वर्ष इस मछली के शरीर पर एक स्केल की वृद्धि होती है। इसके शरीर में पाए जाने वाले सभी स्केल्स को गिन कर आप मछली की उम्र बता सकते हैं।
  • गोल्ड फिश (Carassius auratus) मछली की आंखें इंसान से ज्यादा रंगों को पहचान सकती है। इंसानी आंखें केवल 3 रंगों को ही पहचान सकती है। जबकि गोल्डफिश की आंखें अल्ट्रावॉयलेट किरणों को भी देख सकती है।
  • गोल्ड फिश मछली के बारे में यहां मिथक बहुत ही ज्यादा प्रचलित है कि गोल्ड मछली की यादाश्त तीन सेकेंड से भी कम की होती है परंतु यह पूरी तरह से गलत है। एक गोल्डफिश की यादाश्त काफी अच्छी होती है। और महीनों तक चीज़ों को याद रख सकती है।
  • गोल्ड फिश मछली के taste buds होठों पर होते हैं। यानी कि गोल्ड फिश मछली अपने खाने का स्वाद होठों से छू कर पता करती है ना कि जीभ से।
  • यदि किसी गोल्ड फिश (Carassius auratus) मछली को काफी लंबे समय तक पूरी तरह अंधेरे में रखा जाए तो यह पूरी तरह से सफेद पड़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसकी त्वचा में मौजूद color pigment का निर्माण केवल रोशनी की मोजुदगी में होता है।
  • गोल्ड फिश मछली की पलकें नहीं होती हैं। इसलिए ये ना ही पलके झपका सकती है और ना ही सोते वक्त पलकों को बंद कर सकती हैं।
  • सोते वक्त गोल्ड फिश मछली का आधा दिमाग हमेशा जागता रहता है। नहीं तो गोल्डफिश ज्यादा गहरे पानी में चली जायेगी और मर जायेगी।
  • अन्य प्रकार की एक्वेरियम मछलियों के मुकाबले गोल्डफिश की ओसत आयु सबसे अधिक होती है जो कि 40 वर्ष है।
  • गोल्ड फिश (Carassius auratus) मछली का पेट नहीं होता है। इसकी पाचन तंत्र में एक लंबी आंत होती है जो भोजन पचाने का काम करती है। इसी वजह से यह बहुत जल्दी खाकर अमोनिया excrete करती है।
  • पेट ना होने के कारण गोल्ड फिश का खाना एक बार में अच्छे से हजम नही होता है। इसलिए ये अपने मल को पुनः खाती है। इस क्रिया को Caprophagy और ऐसे जंतुओं को Coprophagous animals कहा जाता है।
  • चीन में पुराने जमाने में केवल राजवंश के लोगों को ही गोल्डफिश पालने की अनुमति थी। बाकी लोग के गोल्डफिश पालने पर सजा दी जाती थी।
  • पूरी धरती पर अब तक 300 से भी ज्यादा किस्मों की गोल्डफीश पाई गई है।
  • गोल्डफिश के मुंह के साथ-साथ गले के पीछे भी दांत होते हैं जो भोजन को चबाने का काम करते हैं।
  • गोल्ड फिश मछली के मुंह में जीभ नहीं होती है।
  • गोल्ड फिश मछली एक बार में 1000 से ज्यादा अंडे देती है।
  • गोल्ड फिश मछली बिना कुछ खाए तीन हफ्तों तक जिंदा रह सकती है। परन्तु आप अपनी एक्वेरियम गोल्ड फिश के साथ ऐसा न करें।
  • गोल्ड फिश मछली के पास अपना साइज बड़ा करने की अद्भुत क्षमता होती है। अगर आप गोल्डफिश को किसी बड़े टैंक साइज में रखें तो यह ज्यादा बड़ी होगी। छोटे tank में रखी fishes का साइज छोटा रहता है।

Conclusion on गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है?

उम्मीद है आपको इस आर्टिकल का टॉपिक गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है पसंद आया होगा। और आपको इससे संबंधित सारी जानकारी मिल गई होगी। हमने इस आर्टिकल में आपको बताया कि गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम कैरासियस ऑराटस है।

गोल्डफिश के साइंटिफिक नाम के अलावा गवर्नमेंट एग्जाम में कई बार निम्नलिखित species का साइंटिफिक नाम भी पूछ लिया जाता है।

FAQ

गोल्ड फिश को हिंदी में क्या कहा जाता है ?

सुनहरी मछली। इसके अलावा सुनहरी मछली को इन नामों से भी जाना जाता है। एक् मछली. स्वर्ण मछली. ज़र्द मछली.

Catfish का scientific name क्या है? (What is the Scientific name of Catfish?)

Catfish का scientific name Siluriformes होता है।

स्टार फिश का साइंटिफिक नाम क्या है? ( What is Scientific name of Star Fish)

स्टार फिश का साइंटिफिक नाम Asteroidea होता है।

Whale fish का साइंटिफिक नाम क्या है? ( What is Scientific name of Whale fish)

Whale fish का साइंटिफिक नाम Balaenoptera musculus होता है।

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